पहली ही पुस्तक से चर्चित लेखकों में सीनू जोसेफ का नाम भी जुड़ गया है। कैथोलिक क्रिश्चियन पृष्ठभूमि की सीनू ने इंजीनियरिंग पढ़ी। किन्तु बाद में लड़कियों की स्वास्थ्य शिक्षा कार्य को अपना लिया। जब सबरीमला मंदिर में रजस्वला आयु वाली स्त्रियों के जाने की पारंपरिक वर्जना पर कुछ एक्टिविस्टों ने आंदोलन किया, और सुप्रीम कोर्ट ने वहाँ सभी महिलाओं को जाने देने का फैसला दिया, तब सीनू ने इस का अध्ययन आरंभ किया।
Center for Policy, Implementation and Governance Research